आईएएस परीक्षा में 42वां रैंक हासिल कर सुधीर ने किया क्षेत्र का नाम रोशन

हरियाणा के सफल अभ्यर्थियों में प्राप्त किया तीसरा स्थान, जिले में रहे टॉपर 

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बहादुरगढ। शुक्रवार को यूपीएससी ने 2017 के परीक्षा परिणामों की घोषणा कर दी है, इस परीक्षा में शहर के सुधीर गहलावत ने देश मे 42वीं  रैंक हासिल करके न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है। वर्तमान में बहादुरगढ सेक्टर-6 निवासी सुधीर का परिवार मूलतः गांव रिढाऊ से सम्बंधित है। इनके पिता जशमेर सिंह पेशे से दिल्ली पुलिस में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं जबकि माता एक कुशल गृहणी हैं। तीन भाई बहनों में सबसे छोटे सुधीर को आईएएस की उपलब्धि के बाद परिवार में उल्लास का माहौल है और शुभकामनाएं देने के लिए लोगों का घर पर तांता लगा हुआ है। 

 

सूची में हरियाणा राज्य से तीसरे स्थान के टॉपर सुधीर ने बताया कि उसने अपनी प्राथमिक शिक्षा सैनिक स्कूल से और 12 वीं की परीक्षा बाल भारती स्कूल से उत्तीर्ण की थी। वह दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से वर्ष 2014 में बीएससी फिजिक्स ऑनर्स स्नातक है।सुधीर ने अपनी इस सफलता का पूर्ण श्रेय कडी मेहनत व परिजनों को दिया है। सुधीर ने बताया कि वह आईएएस बनकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहता है।  

उन्होंने युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि पक्की लगन और अटल इरादे किसी भी लक्ष्य को आसान बना देते हैं बस जरूरत है सबकुछ भुलाकर एकाग्रता से अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कड़ी मेहनत करने की। एक साधारण परिवार और पृष्ठभूमि में से यदि कोई मेरे जैसा युवा अच्छी रैंकिंग हासिल करके आईएएस बनता है तो यह निश्चित ही गर्व की बात होती है। आज का युवा मोबाइल रोग से ग्रस्त है जबकि मैंने इससे निरन्तर दूरी बनाकर रखी और आज परिणाम आप सबके सामने है।  

 

दूसरे प्रयास ने हासिल की सफलता 

विज्ञान से स्नातक सुधीर ने समाज शास्त्र विषय के साथ अपने दूसरे प्रयास में 42वां रैंक हासिल किया है। इससे पहले पिछले वर्ष वह साक्षात्कार में मात खा गया था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दुगुनी मेहनत से अपना मुकाम हासिल किया। इसके लिए उन्होंने दिल्ली के बाजीराव संस्थान से कोचिंग के साथ-साथ 10-12 घंटे की कड़ी मेहनत भी की।   

 

संयुक्त परिवार बना मेरी ताकत 

उन्होंने कहा कि हम एक संयुक्त परिवार में रहते हैं और दादी, मम्मी-पापा, चाचा-चाची और 5 भाई-बहन से 10 का दम परिवार में बरकरार रहता है। संयुक्त परिवार के पोषण और संस्कारों की मेरी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

 

टॉप 100 में आने की उम्मीद थी, टॉप 50 में आया 

सुधीर ने कहा कि अपनी परीक्षा तैयारियों के हिसाब से मुझे टॉप 100 में आने की उम्मीद थी लेकिन टॉप 50 में अपना नाम देखकर ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। निश्चित ही मैं इससे प्रफुल्लित हूँ और संतुष्ट भी।  

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