नफ़े सिंह राठी समर्थकों ने फूंका प्रशासन का पुतला

दर्ज FIR को बताया फर्जी और आवाज को दबाने की साजिश

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हैलो बहादुरगढ। 100 करोड से भी ज्यादा के जमीनी घोटाले व नक्शे रद्द होने के बाद भी धडल्ले से जारी अवैध निर्माण के खिलाफ बहादुरगढ के लोगों ने शहर में रोष प्रदर्शन किया और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर सरकार व प्रशासन का पूतला भी फूंका। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ तो कोई कार्यवाही नहीं कर रहा, बल्कि जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है और करोडों रुपये की सरकारी व नगर परिषद की जमीन पर अवैध कब्जे कर हो रहे घोटाले को उजागर करता है उसके खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया जाता है।
प्रदर्शन से पहले पूर्व विधायक नफे सिंह राठी के कार्यालय में बहादुरगढ के हलके के लोगों व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने एक बैठक की एवं उसमें सर्वसम्मति से सरकारी जमीन पर सरेआम हो रहे कब्जे व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कब्जाधारियों को संरक्षण देने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया। जिसके बाद प्रदर्शन उनके कार्यालय से शुरु होकर नेशनल हाईव से झज्जर मोड होते हुए लाल चौक तक पहुंचा। जहां प्रदर्शनकारियों ने सरकार व प्रशासन का पूतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि झज्जर रोड पर सरेआम अवैध कब्जे किए जा रहे है लेकिन उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। रजिस्ट्रियां किसी खसरा नंबर की है जबकि कब्जा सरकारी व नगर परिषद की जमीन पर दिया जा रहा है। कुछ लोगों ने सत्ता के नशे में होकर सरकारी जमीन पर कब्जा दे दिया। जिसका राजस्व रिकार्ड में उनकी मलकियत से कोई संबंध है ही नहीं। तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद नक्शे तो रद्द कर दिए गए लेकिन आज तक नक्शे क्यों पास किए गए इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। जबकि आम आदमी अगर अपने खेत में एक छोटा सा कमरा भी बनाता है तो उसकों जेसीबी से तुडवा दिया जाता है जबकि विवादित जमीन पर अब भी अवैध निर्माण बंद नहीं किया गया है। आज भी दिन-रात पुलिस सुरक्षा के बीच निर्माण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने 100 करोड रुपये से ज्यादा के इस जमीन घोटाले को उजागर किया और लगातार तीन महीनों से अवैध निर्माण को रोकने के लिए सरकार व प्रशासन को कह रहे है। इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री से लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री, चीफ सेके्रट्री समेत 18 अधिकारियों को लिखित रुप से इस घोटाले से अवगत कराया था। लेकिन आज तक भू-माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई और जब इस पब्लिक प्रोपर्टी को बचाने के लिए लगातार जनता के बीच आवाज उठाई जा रही है तो पूर्व विधायक नफे सिंह राठी पर ही झूठी एफआईआर दर्ज कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह सरकार व प्रशासन का तानाशाही पूर्ण रवैया है, कि दोषियों के खिलाफ तो कार्यवाही नहीं की जा रही जबकि जनहित में आवाज उठाने वालों पर ही मुकद्दमें दर्ज किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन को चाहिए कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी के खिलाफ दर्ज झूठे मुकद्दमें को तुरंत प्रभाव से खारिज किया जाए। अन्यथा जनता चुप बैठने वाली नहीं है। इस मौके पर खेमचंद भारद्वाज, अशोक परनाला, भारत विकास मंच के अध्यक्ष मनमोहन कृष्ण मुरारी, हरिओम वाल्मीकी, एडवोकेट हरबीर राठी, ईश्वर छिल्लर, रणबीर लडरावण ने बैठक को संबोधित किया। मंच संचालन रामनिवास सैनी ने किया। इनके अलावा हिंदू संस्कृति मंच के अध्यक्ष शेर सिंह वर्मा, पूर्व सरपंच कप्तान भूप सिंह, श्यामलाल गुप्ता, इंद्रजीत जांगडा, पूर्व सरपंच पप्पू कानोंदा, आजाद सिंह राठी, डॉ. करतार, खजान सिंह यादव, कंवल सिंह, पार्षद गुरुदेव राठी, पार्षद शशि कुमार, पार्षद संदीप कुमार, पार्षद रमन यादव, पार्षद पुत्र मुकेश उर्फ मुक्की, सोनू दलाल, कपूर राठी, सहदेव नंबरदार, विलियम जून, भगते पहलवान, पूर्व पार्षद योगेंद्र राठी, सज्जन सैनी, हरीकरण, पवन सेन, ईश्वर सैनी, रतन सिंह मोर, अरुण गोयल, उमेश अग्रवाल, सूर्यकांत बोंदवाल, आशीष गोयल देवेंद्र, आकाश शर्मा, अमित शर्मा, महासिंह के अलावा हजारों लोगों ने प्रदर्शन में शामिल होकर पूर्व विधायक नफे सिंह राठी का समर्थन किया।

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