हरियाणा में सरकारी नौकरी परीक्षा का बदला पैटर्न

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चंडीगढ़: हरियाणा में ग्रुप सी और डी के पदों के लिए उम्मीदवारों के चयन का तरीका बदल गया है। अब इसमें लिखित परीक्षा के साथ सामाजिक-आर्थिक मानदंडो और अनुभव के भी अंक जोड़े जाएंगे।
लिखित परीक्षा 90 अंकों की होगी और सामाजिक-आर्थिक मानदंडों व अनुभव के लिए अधिकतम दस अंक होंगे।
इस बदलाव का आदेश पहले ही हो चुका था और अब इसकी अधिसूचना जारी की गई है। 
यदि आवेदक के पिता, माता, पति या पत्नी, भाइयों, बहनों, बेटों और बेटियों में से कोई भी व्यक्ति हरियाणा सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार या भारत सरकार के किसी विभाग, बोर्ड, निगम, कंपनी, वैधानिक निकाय, आयोग या प्राधिकरण में नियमित कर्मचारी नहीं है, तो उसे पांच अंक दिए जाएंगे। इसी प्रकार, यदि आवेदक विधवा है या यदि आवेदक प्रथम या द्वितीय बालक है और उसके पिता की मृत्यु 42 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले हो गई है या यदि आवेदक प्रथम या द्वितीय बालक है और उसके 15 वर्ष का होने से पहले ही उसके पिता की मृत्यु हो गई है, तो उसे पांच अंक दिए जाएंगे।
इसके अलावा यदि आवेदक हरियाणा की विमुक्त या टपरीवास जाति या हरियाणा की घुमन्तु जनजाति से संबंध रखता है, जो न तो अनुसूचित जाति है और न ही पिछड़ा वर्ग है, तो उसे भी पांच अंक दिए जाएंगे। इसी प्रकार, अनुभव के लिए अधिकतम पांच अंक रखे गए हैं। हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम, कंपनी, वैधानिक निकाय, आयोग, प्राधिकरण में समान या उच्चतर पद पर अधिकतम 16 वर्षों में से अनुभव के प्रत्येक वर्ष या छ:माह से अधिक के उसके भाग के लिए 0.5 अंक होगा।
छह महीनों से कम किसी भी अवधि के लिए कोई अंक नहीं दिया जाएगा। किसी भी आवेदक को किसी भी परिस्थिति में दस से अधिक अंक नहीं दिए जाएंगे और इसके अलावा, लिपिक के पद के लिए कम्प्यूटर एप्रीशिएशन तथा एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा अनिवार्य होगी।
ग्रुप बी अर्थात विद्यालय शिक्षा विभाग में अध्यापक, शैक्षिक पर्यवेक्षक तथा शिक्षक के पदों के लिए, आयोग केवल लिखित परीक्षा के आधार पर उम्मीदवारों का चयन तथा नामों की सिफारिश करेगा।
लिखित परीक्षा दो भागों में विभाजित की जाएगी। इसके अंतर्गत सामान्य ज्ञान, विवेक बुद्घि, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी तथा यथालागू सम्बद्घ या सुसंगत विषय के लिए 75 प्रतिशत अधिमान जबकि हरियाणा के इतिहास, सामयिक मामलों, साहित्य, भूगोल, नागरिक शास्त्र, पर्यावरण, संस्कृति इत्यादि के लिए 25 प्रतिशत अधिमान दिया जाएगा।

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